सालाना 7 लाख रुपये कमाई वाले ध्यान दें?इनकम टैक्‍स की पुरानी और नई व्‍यवस्‍था में कितनी होगी टैक्‍स सेविंग? सैलरी के हिसाब से गुणा-गणित समझ‍िए

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यूनियन बजट पेश किया और करदाताओं की कई दिनों से चली आ रही फरियाद को आखिरकार सुन लिया गया. वित्त मंत्री ने बजट भाषण के अंतिम पलों में पर्सनल टैक्स पर बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि New Tax Regime के तहत 7 लाख रुपये तक की आय को रिबेट के दायरे में ले आया गया है. इससे पहले रिबेट केवल 5 लाख रुपये तक की आय पर मिलती थी. इसके साथ ही 3 लाख रुपये तक की आय को टैक्स स्लैब से बाहर कर दिया गया.

इसका मतलब है कि नई स्लैब 3 लाख रुपये से अधिक की आय से शुरू होगी. जहां पहले 2.5 रुपये तक की आय टैक्स से एग्जंप्ट थी, वहीं अब यह बढ़कर 3 लाख रुपये हो गई है. हालांकि, ये जो भी बदलाव हुए हैं New Tax Regime के तहत ही हुए हैं. यानी 2020 से पहले पहले की जो Old Tax Regime है उसमें टैक्स स्लैब पहले जैसे ही हैं. सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक लोगों को नई टैक्स प्रणाली से जोड़ दिया जाए. इसे अधिक सरल टैक्स व्यवस्था माना जाता है.

क्या है New Tax Regime के टैक्स स्लैब
नई टैक्स प्रणाली में पहला स्लैब 3-6 लाख रुपये का है जिस पर 5 फीसदी टैक्स है, लेकिन रिबेट लागू होने के कारण यहां प्रभावी रूप से कोई टैक्स नहीं लगता है. इसके बाद आती है 6-9 लाख रुपये की टैक्स स्लैब जिसमें 10 फीसदी कर चुकाना है. ध्यान रहे कि 7 लाख तक की आय रिबेट में आती है तो वहां भी टैक्स नहीं लगेगा. इसके बाद 9-12 लाख का स्लैब जिसपर 15 फीसदी टैक्स, 12-15 लाख के स्लैब पर 20 और 15 लाख रुपये से अधिक के स्लैब पर 30 फीसदी टैक्स है.

Old Regime के टैक्स स्लैब
पुरानी रिजीम में 2.5-5 लाख पर 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी का टैक्स है. 5 लाख से अधिक से लेकर 7.5 लाख तक की आय पर 15 फीसदी टैक्स है. 7.5 से ऊपर और 10 लाख रुपये तक 20 फीसदी टैक्स लिया जाता है. इसके बाद 10 लाख से अधिक से 15 लाख रुपये तक 30 फीसदी टैक्स है. यहां आप देख सकते हैं कि नई टैक्स रिजीम में 12 लाख तक केवल 15 फीसदी टैक्स है जबकि पुरानी में 7.5 लाख के बाद से ही 20 फीसदी टैक्स शुरू हो जाता है.

7 लाख से अधिक की आय पर कहां ज्यादा फायदा?
नई टैक्स प्रणाली में बदलाव के बाद से 10 लाख रुपये के अंदर की आय वाले लोगों के लिए ये और लुभावनी हो गई है. क्योंकि 9 लाख रुपये तक की आय पर अपडेटेड न्यू टैक्स रिजीम में केवल 10 फीसदी ही टैक्स है. दूसरी ओर पुरानी टैक्स व्यवस्था में करदाता को इतने ही वेतन पर 20 फीसदी टैक्स भरना पड़ सकता है. हालांकि, पुरानी यानी कि 2020 से पहले कि टैक्स व्यवस्था में आपको कई निवेश पर छूट भी मिलती हैं. जैसे कि पीपीएफ, एजुकेशन पर खर्च और होम लोन आदि चुकाने की ऐवज में आप पुरानी कर व्यवस्था के अनुसार, छूट प्राप्त कर सकते हैं.

निवेश करना जरूरी
मान लीजिए कि आपकी आय 7 लाख रुपये है और आपने पुरानी टैक्स व्यवस्था चुन रखी है तो आप आयकर अधिनियिम की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख तक, 80डी के तहत 25,000 रुपये तक और 24बी के तहत 75,000 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं. इससे आपकी कर योग्य आय काफी कम हो जाएगी. दूसरी ओर, नई टैक्स व्यवस्था में आपको इनमें से कोई छूट नहीं मिलेगी और आपकी टैक्सेबल इनकम 7 लाख रुपये की रहेगी. कुल जमा यह कि आपको पुरानी टैक्स व्यवस्था में 7 लाख की सैलरी पर टैक्स बचान के लिए कई जगह निवेश करना होगा और नई व्यवस्था में आज हुए बदलाव के बाद बिना कुछ किए ही आप पर टैक्स की शून्य देनदारी होगी.