लखनऊ गैंगवार : 6 शूटरों ने बरसाई थी पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख पर गोलियां, दो चिकित्सक सहित 14 लोग थे शामिल,चिकित्स्क से हुई पूछ – ताछ

लखनऊ(अनामिका सिंह) में विभूतिखंड थानाक्षेत्र के कठौता चौराहे पर 6 जनवरी को हुए गैंगवार में मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह को गोलियों से भून डाला गया था। अजीत पर 6 शूटरों ने अजीत पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी।  पुलिस की पड़ताल में इस मामले में अब तक दो चिकित्सक सहित 14 लोगा के नाम सामने आये। इसमें 6 शूटरों के अलावा मददगार भी शामिल हैं। लखनऊ पुलिस ने शार्प शूटर संदीप सिंह उर्फ बाबा को गिरफ्तार किया है। वहीं गिरधारी को दिल्ली पुलिस ने दबोच लिया था। इसके अलावा फरार चल रहे सभी शूटरों पर पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। उधर इस मामले में पूर्वांचल के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम सामने आने पर पुलिस ने उनसे पूछताछ के बाद कार्यवाही की बात कह रही है।

लखनऊ गैंगवारःपूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह के शूटरों के मददगारों के रिश्तेदार आईएएस-आईपीएस

संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक पुलिस ने बुधवार को चंदौली के महुअर कला निवासी संदीप सिंह उर्फ बाबा को गिरफ्तार किया। पुलिस ने शार्प शूटर संदीप सिंह को अंबेडकरनगर के उकरा गांव से दबोचा। उससे पूछताछ में विभूतिखंड के कठौता गैंगवार की पूरी कहानी सामने आई। जेसीपी नीलाब्जा के मुताबिक संदीप सिंह कई हत्याकांडों में शामिल था।

उस पर दस हजार रुपये का इनाम भी चंदौली पुलिस ने घोषित किया था।  पूछताछ में सामने आया कि संदीप, गिरधारी उर्फ डॉक्टर उर्फ कन्हैया, रवि यादव, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर, राजेश तोमर उर्फ जय, बंटी उर्फ वीरू उर्फ राजेश उर्फ मुस्तफा ने मिलकर पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह पर गोलियां बरसाई थी। इसके बाद वहां से निकल गये। गोलीबारी में राजेश तोमर उर्फ जय गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए गोमतीनगर विस्तार स्थित एक अपार्टमेंट में लेकर गये। पुलिस ने संदीप की निशानदेही पर अलकनंदा अपार्टमेंट 9एमएम की पिस्तौल व कारतूस बरामद किया है।

वारदात के वक्त तीन दो व एक चार पहिया वाहन का हुआ प्रयोग

जेसीपी नीलाब्जा के मुताबिक संदीप ने पूछताछ में बताया कि वारदात के वक्त वह शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर के साथ बाइक से गया था। वहीं राजेश तोमर उर्फ जय व बंटी उर्फ वीरू उर्फ राजेश उर्फ मुस्तफा एक बाइक से थे। गिरधारी उर्फ डॉक्टर दूसरे साथी रवि यादव के संग स्कूटी से कठौता के उदय टावर पहुंचा था।  सभी अजीत की बुलेट प्रुफ एसयूवी का काफी देर तक पीछा करते हुए उदय टावर पहुंचे थे।  बंधन भी अपनी लाल डस्टर कार से मौजूद था। वहां पर पहुंचने के बाद अजीत सिंह व मोहर सिंह एसयूवी से नीचे उतरकर सामान लेने चले गये। इसके बाद दोनो बाइक व स्कूटी को खड़ी कर अजीत का इंतजार करने लगे। अजीत व मोहर सामान खरीदकर अपनी एसयूवी की तरफ जाने लगे। इसी बीच सभी ने मिलकर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। जिसमें अजीत की मौत हो गई।

स्कूटी से निकल गया था गिरधारी व रवि

डीसीपी पूर्वी संजीव सुमन के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद सभी शूटर दो खेमों में बंट गये। एक गिरधारी उर्फरवि यादव दोनों स्कूटी से कहीं अलग चले गये। वहीं संदीप सिंह बाबा, शिवेंद्र सिंह उर्फ अंकुर, राजेश तोमर उर्फ जय, बंटी उर्फ वीरू चारों अपनी बाइक से कमता बस स्टेशन पर पहुंचे। वहां अपनी बाइक छोड़कर बंधन की लाल डस्टर से निकल गये। शहीद पथ होते हुए अलकनंदा अपार्टमेंट पहुंचे। वहीं पर संदीप उतर गया और रोडवेज की बस से अंबेडकरनगर निकल गया। जबकि घायल राजेश तोमर का इलाज अंकुर व विपुल ने अलकनंदा अपार्टमेंट में एक चिकित्सक से कराया गया। वहां हालत गंभीर होने के बाद उसे सुल्तानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां तीन दिनों तक इलाज चला। वहां से राजेश तोमर नोएडा जाकर किसी अस्पताल में इलाज करा रहा है।

वारदात के लिए किराए पर लिया था दो फ्लैट


पुलिस के मुताबिक वारदात को अंजाम देने केलिए अंकुर ने अलकनंदा अपार्टमेंट में दो फ्लैट किराए पर लिया था। इसमें एक फ्लैट व्यापारी का है तो दूसरा एक बैंक अधिकारी का। पुलिस के मुताबिक दोनों फ्लैट के  किराएदारी एग्रीमेंट में अंकुर का आधार कार्ड व नाम पता दर्ज हैं। दोनों फ्लैट अंकुर ने ही किराए पर लिया था। इस फ्लैट में संदीप सिंह बाबा, राजेश तोमर, बंटी उर्फ वीरू, अंकुर, रवि यादव रहते थे। गिरधारी वहां कभी कभी आता था। संदीप ने पुलिस को बताया कि उसने व अन्य शूटरों ने वारदात को अंजाम देने के बाद सभी असलहे अंकुर को सौंप दिया था। उसी ने उसे छिपाया था। पुलिस अलकनंदा अपार्टमेंट के पी ब्लॉक स्थित फ्लैट नंबर 1102 से पिस्तौल व पांच कारतूस बरामद किया है। अन्य असलहों की तलाश की जा रही है।
 
पूरब व पश्चिम के शूटरों को गिरधारी ने जुटाया


एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र सिंह के मुताबिक इस गैंगवार को अंजाम देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह और अंखड सिंह की रही। इन्हीं दोनों के कहने पर गिरधारी उर्फ डॉक्टर ने शूटरों का इंतजाम किया। पूरब से लेकर पश्चिम तक शूटरों को जुटाने का काम गिरधारी ने ही किया था। उसने ही हरियाणा के बंटी उर्फ वीरू उर्फ मुस्तफा उर्फ राजेश और अलीगढ़ के रहने वाले शूटर राजेश तोमर उर्फ जय को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुनील राठी गिरोह से बुलाया था। इसके अलावा चंदौली के संदीप सिंह बाबा, गोरखपुर के रवि यादव और शिवेंद्र उर्फ अंकुर को लखनऊ में पहुंचाया। उसी के कहने पर सभी शूटर अलकनंदा अपार्टमेंट में एक साथ रहते थे। वहां गिरधारी कभी कभी जाता था। इन शूटरों को खाने पीने व घूमने के लिए रुपये देने के बाद वहां से निकल जाता था। इन शूटरों में संदीप सिंह बाबा की अखंड से कई बार बातचीत भी हुई। जिसमें अजीत की हत्या के लिए कहा गया। संदीप पर जौनपुर से 2018 में 10 हजार रुपये का इनाम घोषित है। उसने केराकत में हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। इसके पहले उस पर मऊ जिले के रानीपुर थाने से 10 हजार रुपये का इनाम था। संदीप पर जौनपुर, चंदौली, मऊ, सुल्तानपुर, आजमगढ़, सोनभद्र में हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी मांगने जैसे 13 मुकदमें दर्ज हैं।


शूटर राजेश का भाई हिरासत में पूछताछ

पुलिस के मुताबिक अलीगढ़ के हरदुआगंज थानाक्षेत्र के भीमनगर निवासी राजेश तोमर उर्फ जय का भाई रविंद्र कुमार तोमर हिरासत में हैं। बागपत पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। रविंद्र तोमर ने पुलिस को बताया कि कठौता गैंगवार में जिस शूटर को गोली लगी थी। वह उसका भाई राजेश तोमर है। वह सुनील राठी गैंग से ताल्लुक रखता है। हत्या के एक मामले में वह 6 साल तक तिहाड़ जेल में रहने के बाद रिहा हुआ था। गोली लगने के बाद उसे सुल्तानपुर से अलीगढ़ लाया गया। फिर वह नोएडा पहुंचा। जहां उसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उधर, दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आये गिरधारी ने भी पूछताछ में वारदात के दौरान अंकुर सिंह, बंधन सिंह और रवि यादव का नाम लिया है। पुलिस इन तीनों की तलाश कर रही है।

एक साल से बुना जा रहा था तानाबाना


पुलिस के मुताबिक इस गैंगवार का तानाबाना एक साल से बुना जा रहा था। इसी योजना के तहत गिरधारी ने एक बार अजीत के करीब होने की भी कोशिश किया, लेकिन असफल रहा। इसके बाद लखनऊ में अलकनंदा अपार्टमेंट में दो फ्लैट किराए पर लिये गये। वहां आकर सभी शूटर ठहरने लगे। गिरधारी लगातार अजीत सिंह के ठिकाने राप्ती अपार्टमेंट पर निगरानी रखने केलिए निर्देश देता रहा। सभी शूटर बारी-बारी से अजीत के सभी हरकतों पर नजर रखते थे। वह कब बाहर निकलता है। किससे मिलता है। उससे मिलने कौन आ रहा है। वह अकेले कब निकलता है। पूरी जानकारी हासिल करने के बाद उसकी हत्या की योजना बनाई गई। जिस दिन हत्या की जानी थी। उस दिन भी इन शूटरों ने पूरे दिन अजीत की हरकतों पर नजर रखे थे। गोमतीनगर विस्तार से निकलने के बाद कठौता चौराहे तक पीछा किया। बीच में अजीत अपनी गाड़ी से नीचे नहीं उतरा था। कठौता चौराहे पर उसके उतरने के बाद ही वारदात को अंजाम दे दिया गया।
पूर्व सांसद ने व्हाट्सएप कॉल पर डॉक्टर से की थी बात

जेसीपी अपराध नीलाब्जा चौधरी के मुताबिक सुल्तानपुर के चिकित्सक एके सिंह ने अपना बयान दर्ज कराया है। जिसमें उन्होंने बताया कि उनको व्हाट्सएप पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह की कॉल आई थी। जिसमें उन्होंने बताया कि एक युवक सरिया से घायल हो गया है। उसका इलाज करना है। इस पर उन्होंने अपने सहयोगी चिकित्सक को तत्काल इलाज करने का निर्देश दिया। दूसरे दिन जब वह पहुंचे तो उसके चोट पर पट्टी लगी थी। एक्सरे और सीटी स्कैन में कुछ खास नहीं मिला। जिससे यह पता चल सके कि चोट गोली की है। एक्सरे में घायल शूटर राजेश तोमर के पसली की दो हड्डियां टूटी मिली। वहां तीन दिनों तक उसका इलाज किया गया। इसके बाद ठीक न होने पर 15 दिन बाद ऑपरेशन करने की बात कही गई। तीसरे दिन ही राजेश तोमर वहां से निकल गया। जेसीपी ने बताया कि पूर्व संासद को भी नोटिस जारी की जाएगी। उनसे पूछताछ के बाद ही वारदात में संलिप्तता के बारे में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

14 लोगों ने गैंगवार में रही भूमिका
इस गैंगवार में पुलिस की अब तक की पड़ताल में 14 लोगो के नाम सामने आये हैं। इसमें दो चिकित्सक, दो आजमगढ़ जेल में बंद अपराधी, 6 शूटर  व तीन मददगार शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक गैंगवार की कहानी कुंटू सिंह, अखंड सिंह व गिरधारी ने मिलकर रची थी। इसमें गिरधारी के जरिए राजेश तोमर, रवि यादव, बंटी उर्फ मुस्तफा, संदीप सिंह बाबा, शिवेंद्र उर्फ अंकुर सिंह ने गोलियां बरसाई। वहीं बंधन सिंह, प्रिंस, रेहान और विपुल ने मदद की थी। पुलिस ने हालांकि इस गैंगवार में 15वें नाम की पुष्टि नहीं की है। यह नाम पुलिस पूर्व सांसद से पूछताछ के बाद ही विवेचना में शामिल करेगी।