पूर्व महापौर रामगोपाल मोहले ने ‘कश्मीर फाइल्स की आलोचना करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि फिल्म के संदेश को भटकाने के उद्देश्य से अनर्गल प्रचार और बेबुनियाद सवाल खड़े किए जा रहे हैं। फ़िल्म कहीं से नफरत और हिंसा को बढ़ावा नहीं देती बल्कि जुल्म और नाइंसाफी की ऐसी हकीकतभरी दास्तान बयान करती है जिस पर कई दशक तक पर्दा डाले रखा गया।
उन्होंने फिल्म को टैक्स फ्री करने के सरकारों के फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि फिल्म के निर्माता ने विभाजनकारी चेहरे को दुनिया के सामने लाने का साहसिक कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रश्न यह नहीं कि उस दौरान किसकी सरकार थी, कौन प्रधानमंत्री था, कौन गृहमंत्री अथवा किसके समर्थन से सरकार चल रही थी? असल मुद्दा यह कि कैसे नफरत, हिंसा और आतंक के खुले खेल के जरिये वहां के लोगों को बेदखल होने को विवश किया गया।