करीब 23 सालों के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान रूस के दौरे पर जाने वाले हैं। इस दौरे के जरिए वह पाकिस्तान और रूस के बीच संबंधों को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। लेकिन इमरान के दौरे से पहले कुछ ऐसा हो गया है जिसके कारण एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि इमरान खान का मॉस्को दौरा बहुत सार्थक नहीं रह सकता है।

पाकिस्तान ने किया यूक्रेन की संप्रभुता का समर्थन
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन डेजेपर ने एक ट्वीट कर कहा है कि पकिस्तान यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में पाकिस्तान के राजदूत रिटायर्ड मेजर जनरल नोएल इजराइल खोख ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए समर्थन दिया। एमिन ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान का आभार व्यक्त किया है।
पुतिन ने मिलने मॉस्को जा रहे इमरान खान
इमरान खान इसी हफ्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने मॉस्को पहुंच रहे हैं। वह दो दिनों के लिए रूस जा रहे हैं। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा है कि शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेता ऊर्जा सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही अफगानिस्तान के हालात पर भी चर्चा की जाएगी।
इमरान खान की मास्को यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों को आजाद देश के तौर पर मान्यता दी है। पुतिन की घोषणा के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों की निंदा की और नए प्रतिबंध लगाने की बात कही है।
अमेरिका से संबंध हुए खराब तो रूस की ओर देख रहा पाकिस्तान
दशकों से रूस और पाकिस्तान के बीच संबंध ठंडे रहे हैं क्योंकि शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान अमेरिका के पाले में रहा था। अमेरिका ने पाकिस्तान को गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा दिया था। अफगानिस्तान सहित कई मसलों को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध खराब होते जा रहे हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान अब चीन के बाद रूस की ओर देख रहा है।