पत्तियों में छिपा मधुमेह का इलाज

रामनगर: एक समय था जब लोग मधुमेह जैसे रोग के बारे में जानते तक नहीं थे, लेकिन आज यह आम बीमारी हो गई है। प्रकृति में ही इस रोग का उपचार भी छिपा है। शुगर के उपचार का राज भी पत्तियों में छिपा है। जिनका सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रह सकता है।

तुलसी की पत्ती: तुलसी अग्नाश्य की बीटा कोशिकाओं की गतिविधयों को सुचारू बनाए रखती हैं। इससे कोशिकाएं सही मात्रा में इंसुलिन का उत्पाद करती हैं और ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। शुगर के रोगी प्रतिदिन सुबह खाली पेट दो से चार पत्तियां तुलसी की रोज चबाएं तो लाभ मिलेगा।

जामुन की पत्ती: शुगर बढ़ जाने पर सुबह जामुन की दो से चार पत्तियां पीस कर उसके रस का सेवन करना चाहिए। शुगर काबू में आ जाने पर इसका सेवन बंद कर देना चाहिए।

आम की पत्तियां: आम खाने से जहां शुगर बढ़ जाता है, वहीं आम की पत्तियां शुगर को रोकने में कारगर है। आम की पत्तियां ग्लूकोज सोखने की आंत की क्षमता को घटाती हैं। इससे खून में शुगर नियंत्रित रहता है। पत्तियों को सुखाकर इसका पावडर बना लीजिए और खाने से एक घंटे पहले पानी में आधा चम्मच घोलकर पीने से लाभ प्राप्त होता है।

नीम की पत्ती: नीम के गुण किसी से भी छिपे नहीं हैं। यह आंत को ग्लूकोज सोखने से रोकने के अलावा इंनसुलिन के प्रयोग की शरीर की क्षमता को भी बढ़ाती है। रोज सुबह खाली पेट नीम की ताजी पत्तियां पीसकर क चम्मच रस पीना भी लाभदायक होता है।

-वनस्पतियों में ऐसे गुण है जो रोग को जड़ से समाप्त कर देते हैं। जामुन, नीम, आम और तुलसी के पत्ते मधमुह रोगियों के लिए लाभदायक हैं। इनकी पत्तियां पेंनक्रियाज को क्रियाशील करने में मददगार साबित होते हैं। इससे शुगर नियंत्रित रहता है।

मदन सिंह बिष्ट

प्रभारी रेंज अधिकारी

वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी

शुगर में डाइट कं ट्रोल की भूमिका सबसे अहम होती है। नीम व जामुन की पत्ती कड़वी व कसैली होती है। अगर आदमी खाना खाने से पहले कड़वी या कसैली चीजों का सेवन करेगा तो उसे भूख कम लगेगी। ऐसे में उसका भोजन निसंत्रित होने से शुगर भी नियंत्रित होना लाजमी है। इन पत्तियों में शुगर में नियंत्रण के दावे किए जाते रहे है जिसे बेहतर तरीके से जड़ी बूटी विशेषज्ञ ज्यादा बता सकते हैं।