मंडल में अगर संक्रमितों की बात करें तो प्रयागराज जिले में हर दिन लगभग सौ और अन्य तीन जिलों को मिलाकर दो सौ के करीब ही नये कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही गांव-गांव ट्रेसिंग और टेस्टिंग अभियान को एक बार फिर से 30 मई तक चलाये जाने का निर्णय लिया गया है, ताकि कोरोना की चेन को पूरी तरह से ब्रेक किया जा सके.

प्रयागराज. कोरोना की सेकंड वेब (COVID Second Wave) को काबू में करने के लिए सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) के “ट्रिपल टी” यानि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूले से पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में भारी कमी आयी है. वहीं कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर की गई सख्ती और “ट्रिपल टी” का ही असर रहा है कि प्रयागराज (Prayagraj) मंडल के चार जिलों प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर और प्रयागराज में भी कोरोना का पाजिटिविटी रेट का ग्राफ तेजी से नीचे आया है. प्रयागराज मंडल में पीक पॉजिटिवी रेट 18 से घटकर 1.42 फीसद पर आ गया है.
मंडल में अगर संक्रमितों की बात करें तो प्रयागराज जिले में हर दिन लगभग सौ और अन्य तीन जिलों को मिलाकर दो सौ के करीब ही नये कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. इसके साथ ही गांव-गांव ट्रेसिंग और टेस्टिंग अभियान को एक बार फिर से 30 मई तक चलाये जाने का निर्णय लिया गया है, ताकि कोरोना की चेन को पूरी तरह से ब्रेक किया जा सके.
इसके साथ ही मंडल के 814 सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 18618 बेड तैयार कराये गए हैं. इसके साथ ही ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की भी सुविधा बढ़ायी गई है. जिससे भी कोरोना संक्रमितों के इलाज में मदद मिली है. कमिश्नर प्रयागराज मंडल के मुताबिक मंडल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. क्योंकि मंडल के चारों जिलों में करीब 26 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की डिमांड है, जिसके सापेक्ष 77 मिट्रिक टन ऑक्सीजन जमशेदपुर से उपलब्ध करायी जा रही है. इसके साथ ही मंडल के सरकारी अस्पतालों में 21 ऑक्सीजन प्लान्ट भी लगाये जा रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में भी आक्सीजन को लेकर कोई किल्लत न हो.
वहीं कोरोना की थर्ड वेब की आशंका को देखते हुए भी अस्पतालों में खास तैयारी की जा रही है. अस्पतालों में पर्याप्त बेड जहां पहले ही बढ़ा दिए गए हैं, वहीं बच्चों में संक्रमण की आशंका को देखते हुए अस्पतालों में वेंटिलेटर और बढ़ाये जा रहे हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में कुल 185 पीडियाट्रिक आईसीयू भी तैयार किए जा रहे हैं. वहीं कोरोना के बाद ब्लैक फंगस यानि म्यूकर माइकोसिस की नई बीमारी को लेकर भी खास रणनीति तैयार की जा रही है. राज्य सरकार ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया है. इसके मद्देनजर प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल को इस बीमारी के इलाज के लिए खास तौर पर तैयार किया जा रहा है.
कमिश्नर के मुताबिक ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवाइयों और इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है. अस्पतालों को उनकी जरुरत के मुताबिक ही दवायें और इंजेक्शन मुहैया कराये जा रहे हैं. कुल मिलाकर प्रयागराज मंडल ने कोरोना की सेकंड वेब पर काफी हद तक काबू पा लिया और कोरोना की थर्ड वेब की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारी में प्रशासनिक अमला तेजी से जुट गया है.